22 वर्षों तक बीजेपी का दिया साथ और आज मुझे कह रहे हैं बीजेपी का बी टीम:
– मेरे चार विधायकों को आरजेडी ने खरीद लिया दम है तो चुनाव जीतकर दिखाएं
अशोक झा,सिलीगुड़ी: सीमांचल की सियासी जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत करने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनीवार को अपने दो दिवसीय बिहार दौरे की शुरुआत की. इस दौरान वे भाजपा और बिहार सत्तापक्ष यानी महागठबंधन पर जमकर बरसे।
ओवैसी बिहार के अमौर में कहा, हम सीमांचल का मुद्दा उठाते रहे हैं। यह हर मामले में सबसे पिछड़ा क्षेत्र है।यहां रासेली पुल का निर्माण अधर में लटका हुआ है।बायसी में सभा को सबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार पर जमकर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 22 वर्षों तक बीजेपी का साथ दिया और आज उन्हें बीजेपी का बी टीम बता रहे हैं। ओबेसी के निशाने पर भाजपा से ज्यादा नीतीश कुमार रहे। उन्होंने कहा कि सीमांचल के चार विधायक को लालू के बेटे ने खरीद लिया लेकिन सीमांचल के साथ न्याय नहीं हुआ। दम है तो चुनाव लड़कर जीत कर दिखाएं।यहां ओवैसी ने भाजपा, राजद और जदयू पर तीखा हमला किया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वो बीजेपी को मजबूत करने के सूत्र हैं। उन्होंने नीतीश के पीएम पद के उम्मीदवारी पर हमला करते हुए कहा कि वो हो सकते हैं। क्योंकि वो कभी भी फिर से बीजेपी में जा सकते हैं। इससे पहले भी वो कई बार बीजेपी में गए फिर आए, फिर गए।
राजद पर किया तीखा हमला
असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार पहुंचते ही, राजद (RJD) पर तीखा हमला शुरू कर दिया. कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महागठबंधन की रैली में सबसे ज्यादा अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वो कभी सेकुलर छवि बनाते हैं कभी उनके साथ चले जाते हैं. आखिर कब तक बीजेपी को नहीं हराने का कारण हमें बनाते रहेंगे. उन्होंने जो वादा किया को पूरा नहीं किया. सीमांचल के साथ नाइंसाफी की. मगर, ये सभी को ये समझ लेना चाहिए कि दिल्ली का रास्ता सीमांचल से होकर ही जाता है।
पूर्णिया में दोनों ही पार्टी की रैली हुई लेकिन सीमांचल के विकास को लेकर कुछ नही बोला। उन्होंने कहा कि सीमांचल के विकास का मुद्दा, सड़क से सदन उठाते रहेंगे ।
यहां एयरपोर्ट की जरूरत है। यहां रेलवे लाइनों की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि न मोदी सरकार और ना ही राज्य सरकार ने इस क्षेत्र के लिए कुछ किया। उन्होंने कहा कि सीमांचल की दुर्दशा है कि यहां से चुने हुए लोग सत्ता में आने के बाद विकास से समझौता कर लेते हैं. अगर हर तीन किमी। पर गंगा नदी पर पुल बन सकते हैं तो यहां क्यों नहीं? ओवैसी सीमांचल के दो दिवसीय दौरे पर हैं। वह शनिवार को अमौर विधानसभा क्षेत्र के रसेली घाट पहुंचे। उन्होंने कहा कि भाजपा को भारत में मजबूत करने वाले में नीतीश कुमार का नाम लिखा जाएगा। जब गुजरात जल रहा था तब नीतीश भाजपा के साथ खड़े थे। नीतीश कुमार पर जातीय राजनीति करने का आरोप लगाते हुए ओवैसी ने कहा कि नीतीश आज तक कुर्मी-कुशवाहा से आगे नहीं बढ़ सके। उनकी राजनीति इन्ही दो जातियों के बीच रही है। नीतीश ने सीमांचल के लोगों को धोखा दिया। यहां से जीतकर गए एआईएमआईएम के विधायकों को नीतीश और राजद ने साथ मिलकर दौलत के दम पर उनका इमान खरीद लिया।
उन्होंने कहा कि नीतीश ने बिहार के मुसलमानों के साथ हमेशा धोखा किया। लगातार उन्हें ठगते रहे। उनसे वोट लिया लेकिन विधानसभा में सीमांचल के मुद्दों को कभी भी प्रमुखता नहीं दी। नीतीश ने सीमांचल की लड़ाई के बदले जातीय राजनीति की. ओवैसी ने सीमांचल के विकास को ही अपना मुख्य मुद्दा बताया।
उनकी पार्टी के लोग अक्सर ये कहते हैं कि बिहार में सीमांचल क्षेत्र के साथ नाइंसाफी होती रही है. इसलिए उन्होंने अपनी यात्रा का नाम भी सीमांचल अधिकार यात्रा रखा है. बाद में ओवैसी ने अमौर प्रखंड के खाड़ी घाट में जनसभा को संबोधित किया.
एमआईएमआईएम चीफ ने कहा कि सभी पार्टियों ने तकनीकी रूप से सीमांचल को संकट में डालने के लिए मजबूर किया है। हम सीमांचल के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हम कोई एनजीओ नहीं हैं। हम आगामी चुनाव लड़ेंगे और जनता जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी स्टॉक क्रैश हो गया तो फिर इस मामले में जांच बैठाने में सरकार को समस्या क्या है? उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को राज्य के बाहर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और यहां सरकार के पास आंकड़े तक नहीं हैं।
सीमांचल के साथ नहीं हुआ न्याय
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवैसी ने बायसी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने 22 साल तक बीजेपी का साथ दिया और आज उन्हें बीजेपी का बी टीम कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीमांचल के चार विधायकों को लालू के बेटे ने खरीद लिया लेकिन सीमांचल के साथ न्यास नहीं हुआ। 2020 में ओवैसी की पार्टी को सीमांचल इलाके की सीटों पर जीत मिली थी। ऐसे में ओवैसी का बिहार में सारा सियासी दारोमदार मुस्लिम बहुल सीमांचल पर ही टिका है, जिसे बचाए रखने के लिए उतर रहे हैं. हालांकि बिहार में सियासी बदलाव के वक्त AIMIM के पांच में से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे।
यह है सीमांचल का सियासी समीकरण
सीमांचल क्षेत्र में 4 लोकसभा और 24 विधानसभा सीटें आती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू को दो सीटों पर जीत हासिल की थी और बीजेपी ने एक सीट पर कब्जा किया था जबकि एक सीट कांग्रेस के पास गई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सीमांचल की आठ, कांग्रेस ने पांच और जेडीयू ने चार सीटें जीती थीं। आरजेडी और भाकपा माले को एक-एक सीट मिली थीं। एआईएमआईएम ने पांच सीटें जीती थीं, जिनमें से चार पिछले साल आरजेडी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में आरजेडी के पांच और ओवैसी की पार्टी के एक विधायक सीमांचल में है। रिपोर्ट अशोक झा