Khabar Aajkal SiliguriKhabar Aajkal Siliguri
  • Local News
    • Siliguri
    • West Bengal
    • India
  • International
  • Horoscope
  • Sports
  • Contact Us
  • Privacy Policy
Facebook Twitter Instagram
Facebook Twitter Instagram
Khabar Aajkal SiliguriKhabar Aajkal Siliguri
  • Local News
    • Siliguri
    • West Bengal
    • India
  • International
  • Horoscope
  • Sports
  • Contact Us
  • Privacy Policy
Khabar Aajkal SiliguriKhabar Aajkal Siliguri
Home»India»होलिका दहन कल, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
India

होलिका दहन कल, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Soyeta JhaBy Soyeta JhaMarch 6, 2023
Facebook WhatsApp Twitter LinkedIn Email Telegram
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

होलिका दहन कल, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
अशोक झा, सिलीगुड़ी:  होलिका दहन, होली त्यौहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है। होली बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इस वर्ष पूर्णिमा के दिन भद्राकाल के कारण होलिका दहन की तिथि को लेकर उलझन है। होलिका दहन इस बार 07 मार्च को किया जाएगा। होलिका दहन छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। यहां जानें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व।
होली 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 06 मार्च 2023, 16:20 से

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 07 मार्च 2023, को 18:13 तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक

होलिका दहन तिथि: 07 मार्च 2023, मंगलवार की शाम 06 बजकर 24 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक.

अवधि: 2 घंटे 26 मिनट

रंग वाली होली: 08 मार्च 2023, बुधवार

होली 2023: पूजा विधि

होली की पूजा एक दिन पहले होलिका दहन के दिन की जाती है. फिर होली के दिन रंग खेला जाता है. होलिका दहन की पूजा करने के लिए कुछ दिन पहले से ही किसी एक स्थान पर पेड़ की टहनियां, गोबर की उप्पलें, आदि इक्ट्ठा कर लिया जाता है. फिर इसके बाद होलिका दहन के दिन होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठ जाना चाहिए. सबसे पहले भगवान गणेश और मां गौरी की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद इन मंत्रों का जाप करना चाहिए- ‘ऊँ होलिकायै नम:’, ‘ऊँ प्रह्लादाय नम:’ और ‘ॐ नृसिंहाय नम:’. इसके अलावा होलिका दहन के समय अग्नि में गेहूं की बालियों को सेंका जाता है जिसे बाद में खा लिया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इससे व्यक्ति निरोगी रहता है। इसके बाद बड़कुल्ले की 4 मालाएं ली जाती हैं और इन मालाओं को अपने पितृों, हनुमान जी, शीतला माता और परिवार के लिए चढ़ाई जाती हैं. फिर होलिका की 3 या 7 बार परिक्रमा की जाती है. परिक्रमा करते-करते कच्चा सूत होलिका के चारों ओर लपेटा जाता है. फिर लोटे का जल तथा अन्य पूजा सामग्री होलिका को समर्पित करनी चाहिए. धूप, पुष्प आदि से होलिका की पूजा करें।

होलिका दहन की पौराणिक कथा

पुराणों के अनुसार दानवराज हिरण्यकश्यप ने जब देखा की उसका पुत्र प्रह्लाद सिवाय विष्णु भगवान के किसी अन्य को नहीं भजता, तो वह क्रुद्ध हो उठा और अंततः उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया की वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए; क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि नुक़सान नहीं पहुँचा सकती. किन्तु हुआ इसके ठीक विपरीत — होलिका जलकर भस्म हो गयी और भक्त प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ. इसी घटना की याद में इस दिन होलिका दहन करने का विधान है. होली का पर्व संदेश देता है कि इसी प्रकार ईश्वर अपने अनन्य भक्तों की रक्षा के लिए सदा उपस्थित रहते हैं।

होलिका दहन का इतिहास

होली का वर्णन बहुत पहले से हमें देखने को मिलता है. प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी का चित्र मिला है जिसमें होली के पर्व को उकेरा गया है. ऐसे ही विंध्य पर्वतों के निकट स्थित रामगढ़ में मिले एक ईसा से 300 वर्ष पुराने अभिलेख में भी इसका उल्लेख मिलता है। कुछ लोग मानते हैं कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था। इसी ख़ुशी में गोपियों ने उनके साथ होली खेली थी। रिपोर्ट अशोक झा

Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Telegram Email

Related Posts

भूतड़ी अमावस्या आज, यह तिथि पितरों को समर्पित है

March 21, 2023

युवाओं के आत्मघाती दस्तों को तैयार करने के लिए कर रहा था अमृतपाल सिंह

March 21, 2023

महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल के कार्यकारिणी चुनाव में अग्रसेवा दल ने मारी बाजी

March 20, 2023
Advertisement
Facebook Twitter Instagram WhatsApp
  • Contact Us
  • Privacy Policy
© 2023 Khabar Aajkal Siliguri

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.