#शिव मंदिर के शरद नगर में शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की प्रतिमा की गई स्थापित!!
शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार एवं लघुकथाकार थे। वे बांग्ला के सबसे लोकप्रिय उपन्यासकार थे।
उनकी अधिकांश कृतियों में गाँव के लोगों की जीवनशैली, उनके संघर्ष एवं उनके द्वारा झेले गए संकटों का वर्णन है। इसके अलावा उनकी रचनाओं में तत्कालीन बंगाल के सामाजिक जीवन की झलक मिलती है।
शरतचंद्र भारत के सार्वकालिक सर्वाधिक लोकप्रिय तथा सर्वाधिक अनूदित लेखक हैं।
आज उनके पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए शिव मंदिर के शरद नगर में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई,
यह प्रतिमा स्थानीय पंचायत सदस्य पिंकी चक्रवर्ती के सौजन्य से की गई,
जिसका नेतृत्व स्थानीय समाजसेवी दुर्लभ चक्रवर्ती ने किया
जिस जगह पर यह प्रतिमा स्थापित की जा रही है वह जगह स्थानीय समाजसेवी संकर साहा के द्वारा प्रदान की गई
उनकी पुण्यतिथि पर खासतौर पर विशेष प्रतिमा स्थापित कर स्थानीय वासियों को एक लैंडमार्क भी दिया जा रहा है आज से उस मोड़ का नाम शरत चंद्र मोड़ के नाम से भी जाना जायेगा,
शरत चंद्र चटोपाध्य के नाम पर रखे नगर के निवासी वृद्ध श्री अहिभूषण सरकर ने उस नगर के नाम रखने की उपलब्धि और पीड़ा को सभी. के सामने दर्शया,
इस पुण्यतिथि पर अठारहखाई ग्राम पंचायत के सदस्य पिंकी चक्रोबरती, समाज सेवी दुर्लभ चक्रबर्ती, समाज सेवी शकर साहा एवं स्थानीय पाड़ा वाशियों ने फूल माला अर्पण कर सर्वगीय शरत चंद्र चटोपाध्य को याद किया ❗️