यशिहा बोर्डिंग स्कूल में एक नई शिक्षा पद्धति का किया जा रहा है
आयोजन
बच्चे का भविष्य बनाने के लिए एक नई राह की तरफ 2008 साल में बड़े थे एशिया बोर्डिंग स्कूल आज सफल बच्चों के साथ सफलता पा रहे है ,
अब स्थानीय लोगों का स्कूल बने लगा चहिता ..स्कूल के डायरेक्टर एवं प्रिंसिपल राज कुमार सिंह आज भी उसी ताज़ी सोच के साथ लगाता स्कूल को एक अलग राह पर लेकर चल रहे हैं और काफी हद तक उन्होंने इसमें कामयाबी पा ली है,
स्कूल के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के अभिभावकों का हर संभव ख्याल रखें उस बात की स्कूल पूरी कोशिश करती है और वह समय-समय पर स्कूल को अलग प्रकार से विकसित करने का कोशिश भी करते रहती है,
अजी इसी को मद्देनजर रखते हुए स्कूल में एक नई शिक्षा पद्धति का आयोजन किया गया है नाम था “LEAD the future”
बडे बडे स्कूल इस एजुकेशन सिस्टम को लेकर चलते है ,यह एडुकेशन सिस्टम
जिसका डेमों अभिभावकों के साथ सांझा करना था कि यह #लीड एजुकेशन सिस्टम किस तरीके से उनके बच्चों को एक अलग मुकाम पर पहुंचाएगी ……..
और कैसे बड़े-बड़े स्कूलों में इसका इस्तेमाल कर अपने बच्चों को अलग पद्धति का जानकारी देकर ज्ञान देकर उन्हें विकसित कर रहे हैं जो कि मध्यम वर्गीय परिवार से विलोंग रखने वाले परिवारों को साधारणतह स्कूलों में नहीं मिल पाता है,
इस पूरे विषय को मनोज कुमार प्रसाद जो कि #लीड के एरिया मैनेजर है उन्होंने अभिभावकों के साथ साझा किया,
इसदिन इस कार्यक्रम का शुरुआत दीप प्रज्वलित करके और गणमान्य अतिथियों को खादा पहना कर स्वागत के साथ किया गया,
आज अभिभावकों के बीच एक अलग प्रकार का प्रतियोगिता भी रखा गया जिसमें आंख पर पट्टी बांधकर अपने बच्चों को छू कर पहचानना था,जोकी काफि आकर्षण का केंद्र बना,
उसी स्कूल की शिक्षिका बिंदिया शाह जी ने कविता प्रस्तुत कर सभी अभिभावकों का मन मोह लिया
समाजसेवी ऊपर बागडोगरा के ग्राम पंचायत के प्रधान सनजीव सिन्हा ने आकर बच्चों और अभिभावकों में स्कूल के प्रति मोटिवेशन कुछ वाक्य भी प्रस्तुत किए।
आपको बता दे कि एशिया बोर्डिंग स्कूल बागडोगरा के लवर बागडोगरा ग्राम पंचायत अंतर्गत पड़ने वाले लोकनाथनगर में स्थित है,
स्कूल अपने 15 साल के अंतराल में अलग-अलग दिन को देखते हुए आज इस मुकाम पर है जहां एक तरफ कोरोना में स्कूलों की स्थिति पर एक अलग विराम लग गया था ,
लेकिन वापस से शिक्षकों ने अपनी भूमिका निभाते हुए समाज में वापस से देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों को फिर से हर दुख तकलीफ को झेलते हुए पढ़ाना शुरू किया ,
आशा करते हैं येशिया बॉडिंग स्कूल से पढ़े हुए बच्चे एक समय पर जाकर देश और समाज का नाम रोशन करेंगे ।