माणिक साहा ने लगातार दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
अशोक झा,सिलीगुड़ी: माणिक
साहा ने अगरतला के स्वामी विवेकानंद मैदान में लगातार दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री माणिक साहा के साथ शपथ लेने वाले नए त्रिपुरा मंत्रिमंडल में भाजपा के 8 और आईपीएफटी का एक सदस्य शामिल है। रतन लाल नाथ, प्रणजीत सिंघा रॉय और सनातन चकमा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। सुशांत चौधरी, टिंकू रॉय, बिकास देबबर्मा, सुधांशु दास और सुक्ला चरण नोआतिया ने भी मंत्री पद की शपथ ली।कांग्रेस और माकपा के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों ने कहा कि वे राज्य में दूसरी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा इस बार त्रिपुरा में महिला मुख्यमंत्री बना सकती है और इस रेस में प्रतिमा भौमिक नाम सबसे आगे बताया जा रहा था। लेकिन सभी अटकलों पर 6 मार्च को विराम लगाते हुए, भाजपा ने घोषणा की कि माणिक साहा ही त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करेंगे और विधायक दल ने उन्हें सर्वसम्मति से अपना नेता चुना था।केंद्रीय गृह मंत्री शाह और भाजपा प्रमुख नड्डा भाजपा नीत सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पहले ही त्रिपुरा पहुंच चुके थे. पीएम मोदी बुधवार सुबह करीब 10.35 बजे गुवाहाटी से अगरतला पहुंचे और शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए. त्रिपुरा बीजेपी यूनिट के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा, ‘पिछले तीन दशकों में यह पहली बार है कि किसी गैर वामपंथी सरकार ने त्रिपुरा में सत्ता बरकरार रखी है. हमें उम्मीद है कि भाजपा 2.0 सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। कांग्रेस-टीयूजेएस ने 1988 में, इस सीमावर्ती राज्य में वामपंथियों को हराया और सरकार बनाई, लेकिन 1993 में वह कम्युनिस्टों से हार गई। उसके बाद से 2018 तक त्रिपुरा में लेफ्ट की सरकार रही । त्रिपुरा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी एक सीट हासिल करने में सफल रही। इस बीच, वाम मोर्चा ने एक बयान में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य माणिक सरकार और माकपा, भाकपा, आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक के सचिवों को राज्य सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन वाम मोर्चे ने 2 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से राज्य भर में ‘भाजपा समर्थकों और गुंडों द्वारा फैलाए गए अभूतपूर्व आतंक’ के कारण इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया। इसी आधार पर कांग्रेस भी आज के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।रिपोर्ट अशोक झा