बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं कि घुसपैठ लगातार जारी
– रेलवे और बीएसएफ को लगातार मिल रही पकड़ने में सफलता अशोक झा, सिलीगुड़ी: अवैध प्रवासियों और रोहिंग्याओं का पता लगाने के लिए लड़ाई जारी रखते हुए पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) के रेलवे सुरक्षा बल ने नियमित तलाशी अभियान चलाते हुए अलीपुरद्वार जंक्शन रेलवे स्टेशन से छह बांग्लादेशियों को पकड़ा है। पूसीरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि 11 जनवरी को अलीपुरद्वार जंक्शन की रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने अलीपुरद्वार जंक्शन रेलवे स्टेशन पर प्रतिबंधित वस्तुओं और असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियान चलाया। तलाशी के दौरान उन्होंने संदिग्ध राष्ट्रीयता के 06 व्यक्तियों (04 महिलाएं और 02 पुरुष) का पता लगाया। पूछताछ के दौरान वे कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके और बाद में स्वीकार किया कि उन्होंने बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था। तलाशी के दौरान, उनके पास से फर्जी भारतीय आधार कार्ड, 02 मोबाइल फोन और ट्रेन नंबर 13174 (कंचनजंघा एक्सप्रेस) अगरतला से सियालदह जाने वाली तथा अगरतला से रवाना होने वाली 02 रेलवे ई-टिकट बरामद किए गए। बाद में सभी 06 बांग्लादेशियों को बरामद वस्तुओं के साथ हिरासत में लिया गया और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अलीपुरद्वार जीआरपी को सौंप दिया गया।
BSF की एक आधिकारिक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल यानी कि 2022 में मेघालय और त्रिपुरा के साथ लगती भारत-बांग्लादेश सीमा पर 501 बदमाशों को पकड़ा गया था, जिनमें से 89 रोहिंग्या मुस्लिम (Rohingyas) थे। उन्हें सीमा पार से जुड़े अपराधों में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया।
2022 में कुल 501 बदमाशों को पकड़ा गया
रिपोर्ट के मुताबिक, मेघालय सीमा पर पकड़े गए 132 बदमाशों में 30 रोहिंग्या शामिल थे, जिनमें 41 बांग्लादेशी और 61 भारतीय नागरिक थे, जो एक या या उससे अधिक सीमा पार के अपराध में शामिल पाए गए थे। उन्हें BSF द्वारा मेघालय में चलाए गए विभिन्न अभियानों के दौरान गिरफ्तार किया गया था. वहीं, BSF ने त्रिपुरा में विभिन्न अभियानों के दौरान 369 बदमाशों को पकड़ा, जिनें 59 रोहिंग्या थे, पकड़े गए सभी लोगों में से 160 भारतीय और 150 बांग्लादेशी नागरिक थे।
म्यांमार में रहते थे 14 लाख रोहिंग्या
बता दें कि रोहिंग्या मुस्लिम एक इंडो-आर्यन जातीय समूह हैं, जो मुख्य रूप से इस्लाम का पालन करते हैं और मूलत: म्यांमार के रखाइन प्रांत में रहते हैं। वर्ष 2017 में जब बर्मा की फौज ने रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ कार्रवाई की तो 740,000 से अधिक रोहिंग्या जान बचाकर बांग्लादेश भागे थे, अनुमान है कि म्यांमार में 14 लाख रोहिंग्या रहते थे।
2022 में BSF की कार्रवाई का डेटा
BSF की रिपोर्ट में कहा गया है, 2022 में BSF के जवानों ने मेघालय में तस्करी के कई प्रयासों को नाकाम कर दिया और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भारी मात्रा में प्रतिबंधित चीजों, मवेशियों, हथियारों, गोला-बारूद, दवाओं और नशीले पदार्थों को जब्त कर लिया. आंकड़ों में उल्लेख किया गया है कि BSF ने कुल 21,41,01,067 रुपए का सामान जब्त किया, जिसमें मवेशी(5,55, 90, 800 रुपये), शराब (12,66, 717 रुपये), याबा टैबलेट (51,90,280 रुपये), फेंसिडिल (15,17, 401 रुपए), गांजा (2,67,000), एफआईसीएन (87,500 रुपये), सोना (17,57, 748 रुपये) आदि शामिल हैं।
‘1813 मवेशियों को सफलतापूर्वक बचाया’
मेघालय के अलावा त्रिपुरा की सीमा की बात करें तो वहां भी BSF के जवानों ने 1,813 मवेशियों को सफलतापूर्वक बचाया और 58,34,75,618 रुपये के विविध सामान जब्त किए। जिनमें फेंसेडिल की 66,608 बोतलें, 18685 किलोग्राम गांजा, याबा टैबलेट के 1,14,658 नग, 86.252 ग्राम सोना, 100 ग्राम चांदी, 1513.38 ग्राम ब्राउन शुगर, हथियार और गोला-बारूद, बांग्लादेशी मुद्रा (48,35,853 टका) जैसी प्रतिबंधित वस्तुएं जब्त कीं. रिपोर्ट में कहा गया है कि त्रिपुरा राज्य में 644.71 एकड़ में अवैध रूप से उगाए जा रहे गांजा के पौधों को भी नष्ट किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि BSF मेघालय अंतर्राष्ट्रीय सीमा की बहाली बनाए रखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। रिपोर्ट में कहा गया है, मेघालय में BSF अपने समर्पित कर्तव्य और सीमावर्ती आबादी के उत्थान के लिए की गई विभिन्न पहलों के माध्यम से सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा दे रही है और जरूरत के समय उनकी मदद भी कर रही है। रिपोर्ट अशोक झा