प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तुलना दुर्योधन और दुशासन से करने पर विवाद
– भारतीय जनता पार्टी के विधायक सदन से सड़क तक तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन
अशोक झा,सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के मालदा से विधायक माणिकचक सावित्री मित्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तुलना दुर्योधन और दुशासन से करने पर विवाद खड़ा हो गया है।
भाजपा विधायकों ने इस टिप्पणी के विरोध में मंगलवार को विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव खारिज कर दिया। इसे लेकर भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा मचाया। इसके जवाब में तृणमूल कांग्रेस ने भी विधानसभा में शोरगुल किया। बीजेपी के विधायक ने विधानसभा से वॉकआउट कर गये। बता दें कि रविवार को मालदा के रतुआ में पार्टी की एक बैठक में सावित्री को यह कहते सुना गया, ”प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भाजपा नेता दुर्योधन और दुशासन की तरह हैं और इनका काम महिलाओं का वस्त्र हरण करना है.” इसके अलावा सावित्री ने दावा किया कि देश की आजादी में गुजरात का कोई योगदान नहीं है. भाजपा ने इस टिप्पणी की निंदा की।
विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने मचाया हंगामा
विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि यह सरकार का विषय है। उसके बाद बीजेपी के विधायकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने अध्यक्ष के बीच तकरार हुई। उसके बाद सावित्री मित्रा ने कहा कि विरोधी दल के नेता ने उनके बयान की गलत व्याख्या की है. मैंने कभी नहीं कहा कि गुजरात के लोग आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि दो लोग गुजरात से आये हैं, उनका स्वीधानता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं है। उसके बाद विधानसभा के विधायकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया और उसके बाद विधानसभा की कार्रवाई से वॉकआउट कर गये।
अग्निमित्रा ने कहा कि गुजरातियों को आजादी आंदोलन में योगदान नहीं कहना शर्मनाक
अग्निमित्रा ने कहा कि सावित्री के नाम पर विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी। आसनसोल दक्षिण के विधायक ने कहा, “उनकी हिम्मत कैसे हुई कि वे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से ऐसा कहें। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। हम सजा चाहते हैं वे हिम्मत कहां से लाते हो? ममता बनर्जी हिम्मत दे रही हैं। ” उन्होंने कहा कि सावित्री मित्रा कह रही हैं कि गुजराती का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान नहीं है। यह शर्मनाक है कि कुछ दिन पहले रामनगर से तृणमूल विधायक और कारागार राज्य मंत्री अखिल गिरी ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर काफी बवाल मचा था। कई थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नबन्ना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी विधायक के लिए माफी मांगी थी। उस विवाद के बाद इस बार बीजेपी सावित्री की टिप्पणियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। टीएमसी विधायक साबित्री मित्रा ने माफी मांगने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि मैं उन टिप्पणियों के लिए माफी क्यों मांगूं, जो मैंने कही ही नहीं है ? मित्रा ने कहा कि मैंने पीएम मोदी या गृहमंत्री अमित शाह को लेकर कुछ नहीं कहा है। मैंने उन्हें ‘दुर्योधन और दुशासन’ नहीं कहा। साबित्री मित्रा ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने टीएमसी को लेकर पहले विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तुलना ‘सुपर्णखा’ से की। इसलिए मेरी टिप्पणी भाजपा नेताओं द्वारा की गई ऐसी अपमानजनक टिप्पणियों पर है। टीएमसी विधायक मित्रा की टिप्पणी का विरोध कर रहे बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि हमारी पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने की यह संस्कृति टीएमसी नेताओं की है। हम हैरान हैं कि उन्होंने इस तरह की टिप्पणी करने का दुस्साहस कैसे किय। अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि ममता बनर्जी खुद इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करती हैं।
रिपोर्ट अशोक झा