Khabar Aajkal SiliguriKhabar Aajkal Siliguri
  • Local News
    • Siliguri
    • West Bengal
    • India
  • International
  • Horoscope
  • Sports
  • Contact Us
  • Privacy Policy
Facebook Twitter Instagram
Facebook Twitter Instagram
Khabar Aajkal SiliguriKhabar Aajkal Siliguri
  • Local News
    • Siliguri
    • West Bengal
    • India
  • International
  • Horoscope
  • Sports
  • Contact Us
  • Privacy Policy
Khabar Aajkal SiliguriKhabar Aajkal Siliguri
Home»West Bengal»पूर्वोत्तर में चला भाजपा का जादू ,2014 नहीं था किसी राज्य में शासन
West Bengal

पूर्वोत्तर में चला भाजपा का जादू ,2014 नहीं था किसी राज्य में शासन

Uma ShaBy Uma ShaMarch 2, 2023
Facebook WhatsApp Twitter LinkedIn Email Telegram
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

पूर्वोत्तर में चला भाजपा का जादू ,2014 नहीं था किसी राज्य में शासन
– पीएम नरेंद्र मोदी विकास के बल पर लोगों को दिया भरोसा
अशोक झा, सिलीगुड़ी:  भाजपा ने पूर्वोत्तर के राज्यों त्रिपुरा और नागालैंड के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। पार्टी की जीत पर लखनऊ स्थित भाजपा मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह भी मौजूद रहे। कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में नगाड़े की धुन पर नृत्य किया।  भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि नरेंद्र मोदी की सरकार में पूर्वोत्तर के राज्यों में हुए विकास पर जनता ने वोट किया है। यह जीत बताती है कि जनता का मोदी पर भरोसा हर रोज और मजबूत हो रहा है। पूर्वोत्तर भारत में आठ राज्य आते हैं। इनमें त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर, सिक्किम और मिजोरम शामिल हैं। इन आठ राज्यों में से तीन राज्यों के चुनाव नतीजे आज आ रहे हैं। तीनों ही राज्यों में पूर्व की सरकारें बरकरार रहने की उम्मीद है। त्रिपुरा और नगालैंड में भाजपा गठबंधन ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, जबकि मेघालय में एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि, बहुत के आंकड़े 31 से दूर है। ऐसे में संभव है कि पिछली बार की तरह यहां भी एनपीपी प्रमुख कोनराड संगमा भाजपा और यूडीपी के साथ मिलकर सरकार बना ले। इसके कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि मतगणना से ठीक दो दिन पहले ही गठबंधन को लेकर असम के मुख्यमंत्री और भाजपा की अगुआई वाली नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट अलायंस के मुखिया हिमंत बिस्व सरमा ने मेघालय के मुख्यमंत्री और NPP के मुखिया कोनराड संगमा से मुलाकात की है। 

इन चुनावी नतीजों से ये भी साफ हो गया है कि पूर्वोत्तर के आठ में से सात राज्यों में भाजपा का राज कायम रहेगा। वह राज जो 2014 से पहले तक कांग्रेस के पास था। 2014 से पहले पूर्वोत्तर के इन राज्यों में कभी भी भाजपा की सरकार नहीं बनी थी। सिर्फ 2003 में अरुणाचल प्रदेश छोड़कर। तब यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता ने भाजपा जॉइन कर ली थी और अपने साथ कई कांग्रेस के विधायकों को भी लेकर आए थे। इससे भाजपा ने पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाई थी।  अब पूर्वोत्तर का सियासी नक्शा एकदम से बदल चुका है। आइए जानते हैं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पूर्वोत्तर के इन राज्यों में कैसे सियासी नक्शा बदल गया? आखिर ये राज्य भाजपा के लिए क्यों जरूरी हैं? भाजपा ने यहां कैसे कांग्रेस और लेफ्ट का समीकरण बिगाड़ दिया? शुरुआत 2014 से करते हैं
देश में भाजपा की अगुआई वाली एनडीए ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। उस वक्त पूर्वोत्तर के राज्यों में पूरी तरह से कांग्रेस का राज था। लेफ्ट की स्थिति भी मजबूत थी। पूर्वोत्तर के आठ में से पांच राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। एक-एक में लेफ्ट, एसडीएफ और एनपीएफ की सरकार थी। मसलन असम, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में कांग्रेस की सरकार थी। वहीं, त्रिपुरा में सीपीआई(एम) और सिक्किम में एसडीएफ की सरकार थी। नगालैंड में एनपीएफ का राज था। मेघालय में एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि, बहुत के आंकड़े 31 से दूर है। ऐसे में संभव है कि पिछली बार की तरह यहां भी एनपीपी प्रमुख कोनराड संगमा भाजपा और यूडीपी के साथ मिलकर सरकार बना ले। इसके कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि मतगणना से ठीक दो दिन पहले ही गठबंधन को लेकर असम के मुख्यमंत्री और भाजपा की अगुआई वाली नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट अलायंस के मुखिया हिमंत बिस्व सरमा ने मेघालय के मुख्यमंत्री और NPP के मुखिया कोनराड संगमा से मुलाकात की है। 

इन चुनावी नतीजों से ये भी साफ हो गया है कि पूर्वोत्तर के आठ में से सात राज्यों में भाजपा का राज कायम रहेगा। वह राज जो 2014 से पहले तक कांग्रेस के पास था। 2014 से पहले पूर्वोत्तर के इन राज्यों में कभी भी भाजपा की सरकार नहीं बनी थी। सिर्फ 2003 में अरुणाचल प्रदेश छोड़कर। तब यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता ने भाजपा जॉइन कर ली थी और अपने साथ कई कांग्रेस के विधायकों को भी लेकर आए थे। इससे भाजपा ने पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाई थी। 

अब पूर्वोत्तर का सियासी नक्शा एकदम से बदल चुका है। आइए जानते हैं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पूर्वोत्तर के इन राज्यों में कैसे सियासी नक्शा बदल गया? आखिर ये राज्य भाजपा के लिए क्यों जरूरी हैं? भाजपा ने यहां कैसे कांग्रेस और लेफ्ट का समीकरण बिगाड़ दिया? 
2019 आते-आते पूरी तरह से बदल गया पूर्वोत्तर का सियासी नक्शा 
2014 तक पूर्वोत्तर के जिन राज्यों में कांग्रेस और लेफ्ट का राज था, वहां 2016 से सरकारें बदलने लगीं। 2019 आते-आते पूरी तरह से पूर्वोत्तर का सियासी नक्शा बदल गया। आठ में से पूर्वोत्तर के सात राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने सरकार बना ली। भाजपा इतनी मजबूत हो गई की असम, त्रिपुरा में अकेले दम पर सरकार बनाई, जबकि मेघालय, नगालैंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में गठबंधन के साथ। केवल मिजोरम में एमएनएफ गठबंधन की सरकार थी। रिपोर्ट अशोक झा

Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Telegram Email

Related Posts

शिक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में डॉ. हुसैन का योगदान प्रमुख

March 27, 2023

7 वर्षीय बच्ची का शव मिलने के बाद जमकर हंगामा, जम कर आगजनी

March 27, 2023

राष्ट्रपति काममता बनर्जी ने किया स्वागत

March 27, 2023
Advertisement
Facebook Twitter Instagram WhatsApp
  • Contact Us
  • Privacy Policy
© 2023 Khabar Aajkal Siliguri

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.