देश को दहलाने की साजिश रच रहा है पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई
– बंगाल से पकड़े गए आतंकियों का भी कनेक्शन पाकिस्तान से
– गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में बड़ी साजिश को अंजाम देने की कोशिश
सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता के निर्देश
अशोक झा, सिलीगुड़ी: देश में आतंकवाद को जिंदा करने की कोशिश में लगे आतंकवादी संगठन अब पूरी तैयारी करके बैठे हैं और वह सिर्फ एक मौके की तलाश में हैं कि कब वो लोग अगला वार करें। बंगाल के हावड़ा से मोहम्मद सद्दाम (28) और सइद अहमद (30) नाम के जिन दो आतंकियों को पकड़ा गया है उनसे पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि दोनों न केवल आईएसआईएस से जुड़े हुए हैं बल्कि पाकिस्तान के कई कुख्यात आतंकी संगठनों के हैंडलर्स के लगातार संपर्क में थे। भारतीय उपमहाद्वीप में विभिन्न आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए उन्हें लगातार निर्देश मिल रहे थे। दोनों आतंकियों ने इसके लिए अपने आसपास रहने वाले युवाओं को ब्रेनवॉश कर तैयार करना भी शुरू कर दिया था। पाकिस्तानी हैंडलर से साथ टेलीग्राम के जरिए दोनों की कूट भाषा में बातचीत होती थी। यह भी पता चला है कि दोनों को मिलने के लिए पाकिस्तान बुलाया जा रहा था और वे नेपाल के रास्ते पाकिस्तान जाने की फिराक में भी लगे हुए थे। इनमें से सद्दाम इंजीनियरिंग का छात्र (student) है. उसने एमटेक में एडमिशन लिया था लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं की। अधिकारियों की पूछताछ में उसने बताया है कि एमटेक की पढ़ाई उसने पूरी नहीं की है और सोशल मीडिया (Media) के जरिए ही लगातार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वालों के संपर्क में था। उसने बताया है कि आईएसआईएस इस्लाम के लिए दुनिया भर में लड़ाई लड़ रहा है और दोनों उसका हिस्सा हैं। उनसे पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) में उनके और साथी कौन-कौन से लोग हैं और किन-किन गतिविधियों को अंजाम देने की योजना ये लोग बता बनाते रहे हैं।आपको बता दें कि खुफिया जांच एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एजेंसियों द्वारा देश में गणतंत्र दिवस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। जिसमें पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली व हरियाणा के साथ लगते इलाकों के बारे में खास तौर पर सतर्कता रखने के संबंध में लिखा गया। इस संबंध सभी उच्च अधिकारियों को अलग से एक स्पेशल नोट के माध्यम से सूचित किया गया है कि पंजाब प्रदेश में ड्रोन के माध्यम से 1200 के करीब 9 mm 1 A पिस्टल जिसे आई ओ एफ 9mm पिस्टल के नाम से भी जाना जाता है और 30 सुपर कैरी पिस्टल भेजे गए हैं. इसका इस्तेमाल भी कम उम्र के नौजवानों से करवाया जाएगा।
सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट
आपको बता दें कि इनॉट के आधार पर लिखा गया है कि जितने भी पुलिस, सेना एवं जांच एजेंसियों के दफ्तर हैं उन पर जल्द से जल्द सुरक्षा बढ़ा दी जाए और साथ ही एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भीड़भाड़ वाली सारी जगाहों पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ साथ हर वक्त चेकिंग चलती रहनी चाहिए. इसके आदेश देने की बात कही गई है. क्योंकि देश में मुख्य स्थानों और खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े प्रदेशों में सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा मंडरा रहा है. हल ही में पंजाब के सरहदी इलाके में पुलिस थाने पर हुआ आतंकी हमला और राजौरी में हुई घटना का विवरण करते हुए लिखा गया है कि यह किसी बड़ी आतंकवादी घटना से पहले आतंकियों द्वारा दिया गया एक इशारा या एक तरह से बड़े हमले से पहले टेस्टिंग हो सकती है।
यहां दहशत फैलाने का है प्लान!
यह भी सामने आया है कि तरनतारन के सरहदी इलाके में पंजाब पुलिस के कार्यालय पर आतंकी हमला पुलिस का मनोबल तोड़ने व दहशत फैलाने के लिए किया गया था। इसीलिए खुफिया एजेंसी ने अधिकारियों को लिखा है कि पंजाब के तमाम सरहदी इलाकों में स्थित पुलिस चौकियों को चौकस रहने के लिए कहा है। खासतौर पर हाइवे से सटे पुलिस थाने और जवानों की पोस्टों को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया गया है। जारी आदेश में साफ लिख गया है कि सरहदी गांवों में स्थित पुलिस थानों व चौकियों की रात्रिकालीन सुरक्षा में ज्यादा बढ़ोतरी की जाए। पंजाब के तमाम थानों में सुरक्षा बढ़ाने के सख्त आदेश जारी कर रात्रिकालीन गश्त को और भी तेज करने के लिए कहा गया है।
देशद्रोही ताकतों का क्या है प्लान?
दरअसल, पंजाब पुलिस पर यह कोई पहला हमला नहीं है. इससे पहले भी 2015 में दीनानगर पुलिस स्टेशन पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था और वहां आतंकियों से लड़ने पहुंचे एसपी बलजीत सिंह को गोलियां मार दी थीं। इसके बाद भी पठानकोट में हमला हुआ था और उसके बाद जालंधर स्थित मकसूदां पुलिस स्टेशन पर भी आतंकी हमला हुआ था और थाने पर पेट्रोल बम फेंके गए थे, जिसके तार कश्मीरी आतंकियों से जुड़े थे और उसके बाद पिछले साल 4 मई को खुलेआम गुरदासपुर में इलाके में गश्त कर रही पुलिस पर 5 लोगों ने हाईवे पर खूब गोलियां बरसाईं और मौके से भाग निकले। अलर्ट में साफ है कि देशद्रोही ताकतों की कोशिश है कि हमले करके वो पुलिस और जवानों का मनोबल तोड़ें। देश एवं प्रदेश में दहशत पैदा की जाए इसीलिए यह निर्देश जारी किए गए है कि सीमावर्ती पुलिस स्टेशनों को अतिरिक्त पुलिस बल मुहैया करवाया जाए।
इसीलिए अलर्ट के तुरंत बाद सीमावर्ती इलाकों में स्थित पुलिस स्टेशनों को अतिरिक्त पुलिस बल मुहैया करवाया जा रहा है और रिजर्व पुलिस फोर्स को भी चौकस रहने के लिए कहा गया है. चिंता इस बात को लेकर है कि पंजाब का 553 किलोमीटर का इलाका पाकिस्तान से सटा है. वहां सीमावर्ती इलाकों में स्थित पंजाब पुलिस के स्टेशनों की सुरक्षा का रिव्यू किया जा रहा है. पठानकोट, गुरदासपुर, डेरा बाबा नानक, तरनतारन, फिरोजपुर आदि सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. पाकिस्तान ने पंजाब में दहशत फैलाने के लिए ऐसी फील्डिंग सजाई है, जो कश्मीर में फैलाए जा रहे आतंकवाद से पूरी तरीके से अलग है. सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कुछ संदिग्धों को पकड़ हिरासत में लेकर पाकिस्तान के पूरे नेट्वर्क को डिकोड करने की कोशिश की जा रही है लेकिन यह लोग यूज एंड थ्रो वाले लग रहे हैं।
अधिकारियों का कहना हैं कि पाकिस्तान ने पंजाब में दहशत का माहौल पैदा करने के लिए अपना जो ट्रेंड बदला है उसमें उसने पेशेवर आतंकवादियों की जगह पर स्थानीय क्रिमिनल और गैंगस्टर्स को इस्तेमाल किया जा रहा है। वह कहते हैं कि कभी पंजाब में भावनाओं के सहारे बब्बर खालसा जैसे बड़े आतंकियों के मुखिया को आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान और आईएसआई इस्तेमाल किया करती थी, लेकिन अब खलिस्तान लिबरेशन फोर्स एवं पिछले साल गठित लश्करे-ए-खालसा के आतंकियों को साथ रखकर लोकल नेटवर्क तस्करों और गैंगस्टरों के जरिए तैयार किया जा रहा है। बदलते वक्त और धीरे-धीरे पूरी तरीके से सामान्य हो रहे पंजाब के हालात में पाकिस्तान में खालिस्तान की आवाज बुलंद करने वाले आतंकियों की मदद से स्थानीय अपराधियों को अपना मोहरा बनाना शुरू कर दिया है. खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने पंजाब में दहशत फैलाने के लिए ड्रग पैडलर्स और गैंगस्टर को बड़े पैमाने में नशा, हथियार और पैसा देना शुरू कर दिया है. इसका नतीजा यह हुआ है कि पूरे पंजाब में जो गैंगस्टर और स्थानीय क्रिमिनल्स थे, वह अपने आका के इशारे पर बड़ी वारदात करने को तैयार होने लगे और साथ ही एक बड़ा नेट्वर्क हथियारों और ड्रग्स कन्साइनमेंट के बल पर न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश में जोड़ने पर लगे है और यह पूरा खेल हवाला के जरिए आ रहे विदेशी रुपये से हो रहा है. इनपुट में यह साफ लिखा है कि यह पूरा पैसा देश में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए फंड किया जा रहा है. जो कि कुछ नेताओं के नेट्वर्क से आ रहा है जिसकी जानकारी एजेंसियों के पास है और उसको लेकर कुछ नेताओं के खिलाफ जल्द एक्शन भी दिखाई देगा। आपको बता दें कि पाकिस्तान में मरे आतंकी हरविंदर रिंदा के पंजाब के गैंगस्टरों से हैं गहरे संबंध थे और खुफिया जांच एजेंसी के अधिकारी यह बताते हैं कि रिंदा ने एक बड़ा आतंकी कनेक्शन भारत में जोड़ लिया था। जिसमें 1500 से अधिक युवा पाकिस्तान में बैठे आतंकी रिंदा संधू के संपर्क में थे। आपको बता दें कि पंजाब पुलिस का जो डोजियर मे उसमें पंजाब पुलिस ने अपने डोजियर में हरविंदर सिंह रिंदा को ए प्लस स्तर का गैंगस्टर बताया था. डोजियर के मुताबिक मृतक हरविंदर सिंह रिंदा काफी खूंखार किस्म का गैंगस्टर था और इसीलिए उसे ए प्लस कैटेगरी में रखा गया था. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की गोद में बैठा यह नामी गैंगस्टर हरविंदर रिंदा अब बब्बर खालसा का कुख्यात आतंकी बन चुका था और जांच एजेंसी की एक लिस्ट के हिसाब से पंजाब में नामी गैंगस्टरों समेत 27 अपराधी रिंदा के संपर्क में थे. इतना ही नहीं, एजेंसियों को आशंका है कि रिंदा का पंजाब में गैंगस्टरों के जरिए जमीनी स्तर पर जबरदस्त नेटवर्क है. उसके नेटवर्क से करीब 1500 युवा जुड़े हुए थे। इसका पूरा फायदा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ले रही थी। लिहाजा, रिंदा पंजाब की काउंटर इंटेलिजेंस के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों का सिरदर्द बढ़ गया था. दरअसल, रिंदा पंजाब में नामी गैंगस्टर रहा था, उस पर नकद इनाम भी था और उसके साथ संपर्क में पंजाब के नामी गैंगस्टर दिलप्रीत ढाहा, प्रदीप चाना, गुरजोत गरचा, हरजिंदर सिंह एवं आकाश के साथ संबंध थे और जयपाल भुल्लर भी रिंदा का जिगरी यार था जिसे पुलिस की टीम ने कोलकाता में मुठभेड़ में मार गिराया था और उसके मोबाइल में हरविंदर रिंदा का नंबर मिला था. पंजाब की खुफिया एजेंसियों को मोबाइल कॉल्स में काफी मैसेज और फोन रिंदा से जुड़े हुए मिले थे. इतना ही नहीं, जयपाल भुल्लर की मौत के बाद उसके पूरे नेटवर्क को पंजाब में भी रिंदा की ही कोर टीम ही संभाल रही थी. दरअसल, जितनी देर रिंदा भारत में रहा था, उसके नाम का खौफ था. चंडीगढ़ में सतनाम सिंह हत्याकांड की वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गैंगस्टर दिलप्रीत बाबा के साथ गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा भी था. रिंदा के साथ पंजाब में काफी युवा जुड़े हुए थे, जिनके बल पर वह दहशत मचाता था.
आपको बता दें कि इसके लिए एजेंसियों की टीमें लगातार वर्क कर रही हैं और पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है. इसमें जेलों में बंद और भगोड़े अपराधी दोनों को शामिल किया था क्योंकि एजेंसियों को आशंका है कि रिंदा के बाद अब उसका नेटवर्क संभालने वाले देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर देश में और खासतौर पर पंजाब प्रदेश में किसी बड़ी घटना को कभी भी अंजाम दे सकता है. यह आतंकी घटनाएं धार्मिक भावनाओं को आहत कर भड़का कर भी करवाई जा सकती है और साथ ही रैलियों प्रदर्शनों, धरनों के दौरान हिंसा भड़का कर भी बड़ी आतंकी घटनाएं करवाई जा सकती हैं. इसीलिए पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों को काफी सावधान रहना जरूरी है। रिपोर्ट अशोक झा