त्रिपुरा की फायरब्रांड नेता प्रतिमा भौमिक बन सकती है त्रिपुरा की पहली महिला मुख्यमंत्री
अशोक झा, सिलीगुड़ी: त्रिपुरा की फायरब्रांड नेता प्रतिमा भौमिक ने धनपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनावजीतकर एक बार फिर से इतिहास रच दिया है।
1970 के दशक से यह क्षेत्र भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का गढ़ रहा है। भौमिक 1998 और 2018 के विधानसभा चुनावों में दो बार पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार से हार गई थीं. कहा जा सकता है कि धनपुर का त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का चुनाव करने का इतिहास रहा है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार पांच बार विधानसभा चुनाव जीते। माणिक सरकार के 2023 के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के बाद ऐसी अटकलें थीं कि धनपुर में भौमिक की जीत से सीपीएम का पतन हो जाएगा मगर यह निर्वाचन क्षेत्र राज्य के मुख्यमंत्री देने वाली अपनी परंपरा को जारी रख सकता है। बीजेपी में कुछ लोगों को लगता है कि भौमिक को सीएम बनाने से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पूर्वोत्तर के राज्यों और देश को सही संदेश जाएगा।
माणिक साहा ने दिलाई जीत
वर्तमान मुख्यमंत्री माणिक साहा ने त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की जीत हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिर भी ऐसी अटकलें हैं कि पार्टी नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नियुक्त करने की संभावनाएं तलाश रही है। सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि इस पद के लिए प्रतिमा भौमिक के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। यदि यह प्रयास सफल होता है तो पूर्वोत्तर राज्य के इतिहास में यह पहला उदाहरण होगा कि एक महिला को मुख्यमंत्री का पद दिया गया हो।
प्रतिमा रच चुकी हैं इतिहास
‘प्रतिमा दी’ के नाम से लोकप्रिय भौमिक ने 2021 में केंद्रीय मंत्री के रूप में नियुक्त होने वाली त्रिपुरा की पहली राजनेता बनकर इतिहास रच दिया। उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया।52 वर्षीय भौमिक केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने वाली त्रिपुरा की पहली स्थायी निवासी हैं। उन्होंने अपना पहला चुनाव 2019 में पश्चिम त्रिपुरा निर्वाचन क्षेत्र से एक सांसद के रूप में जीता। वह हमेशा ही एक साधारण वेशभूषा में लोगों के बीच नजर आती हैं। अक्सर उन्हें उनकी ट्रेडमार्क सूती साड़ी और चप्पल में देखा जाता है।भौमिक की त्रिपुरा से राष्ट्रीय राजनीति तक की यात्रा उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। यह उनकी बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। किसान परिवार से आने वाली और स्नातक होने वाली अपने गांव की वह पहली शख्स रहीं। भौमिक एक अच्छी खिलाड़ी रही हैं जिन्होंने ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर के आयोजनों में खो-खो और कबड्डी खेला है। असम की विजया चक्रवर्ती के बाद केंद्रीय कैबिनेट में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर की दूसरी महिला होने का श्रेय भी उन्हें मिला है।
महिलाओं ने निभाई बड़ी भूमिका
महिलाओं ने राज्य में भाजपा की जीत में बड़ी भूमिका निभाई है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार इस साल महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक मतदान किया है। आंकड़ों से पता चलता है कि 86.12 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 89.17 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। महिला सशक्तिकरण पर त्रिपुरा में बीजेपी का खास जोर रहा है। पार्टी के संकल्प पत्र से पता चलता है कि महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बेजपी ने लोगों से कई वादे किए हैं। इनमें से एक वादा बालिका समृद्धि योजना के तहत बालिका के जन्म पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रत्येक परिवार को 50,000 रुपये का बांड देना है।
काम आया साइलेंट वोटर
इसके अलावा, पार्टी ने मुख्यमंत्री युवा योग योजना के तहत लगभग 50,000 पात्र कॉलेज जाने वाले छात्रों को स्मार्टफोन देने और मुख्यमंत्री कन्या आत्मनिर्भर योजना के तहत मेधावी कॉलेज जाने वाली छात्राओं को मुफ्त स्कूटी देने की बात कही है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार पार्टी नेताओं को याद दिलाते रहे हैं कि महिलाएं बीजेपी की ‘साइलेंट वोटर’ हैं। पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में जीत का श्रेय भी महिला मतदाताओं को दिया।
इसलिए बीजेपी के भीतर कई लोगों को लगता है कि त्रिपुरा में बीजेपी नेतृत्व इस संदेश को आगे बढ़ाने के लिए एक महिला मुख्यमंत्री पर विचार कर सकता है। रिपोर्ट अशोक झा
त्रिपुरा की फायरब्रांड नेता प्रतिमा भौमिक बन सकती है त्रिपुरा की पहली महिला मुख्यमंत्री
