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कोविड-19 के नए वैरीअंट से डरना नहीं सतर्क रहना जरूरी: डॉक्टर गुलेरिया

Uma ShaBy Uma ShaDecember 23, 2022
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कोविड-19 के नए वैरीअंट से डरना नहीं सतर्क रहना जरूरी: डॉक्टर गुलेरिया
-सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता और जागरूकता की जरूरत
अशोक झा,सिलीगुड़ी: पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी। क्षेत्र में चीन से अवैध रूप से कई प्रकार के धंधे किए जाते हैं जिसके कारण कोविड-19 के नए वेरिएंट का खतरा मंडराने लगा है। इसको लेकर सोशल मीडिया में कोविड-19 की वापसी का शोर मचा हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारें लगातार बैठकों का दौर प्रारंभ कर दिया है। ऐसे में वरिष्ठ संवाददाता अशोक झा ने दिल्ली स्थित एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर गुलेरिया से नए वेरिएंट और उससे उत्पन्न स्थिति को लेकर सभी प्रकार के सवाल जवाब किए।वहीं लोगों में नए वेरिएंट को लेकर कई तरह के सवाल लोगों के मन में उठने लगे हैं। आइए एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया से जानते हैं इन सवालों के जवाब-
सवाल: क्या भारत में चौथी लहर आने के संकेत हैं?
जवाब: देश में कोरोना के केस बढ़ सकते हैं लेकिन यह माइल्ड केस होंगे लेकिन मुझे नहीं लगता है कि लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी। BF.7 वेरिएंट से न तो हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ेगा और न ही मौतों की संख्या क्योंकि अब हमारी इम्यूनिटी बहुत ज्यादा हो गई है। ऑमिक्रॉन के इस वेरिएंट से लोगों को निमोनिया नहीं हो रहा है, जैसे कि हमने डेल्टा वेरिएंट में देखा गया था
 सवाल: क्या  BF.7 वेरिएंट की वजह से नई लहर आएगी?
जवाब: भारत में जुलाई से यह वेरिएंट है लेकिन हमने देखा कि इसकी वजह से न तो हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ा और न ही मौतें हुईं. यह वेरिएंट लंबे समय तक भी रह सकता है लेकिन नई लहर की उम्मीद नहीं है।
सवाल : क्या  मास्क पहनना जरूरी है?
जवाब: अगर मास्क पहनते हैं तो यह अच्छा है. वैसे यह अन्य वायरल इंफेक्शन, प्रदूषण से भी बचाता है। पिछली बार देखा गया कि मास्क अनिवार्य करने के बाद भी लोग मास्क पहने नहीं दिखाई दिए थे. तो ऐसे में मुझे लगता है कि लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक करना चाहिए।
 सवाल: क्या वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत है?
जवाब: इस सवाल का जवाब देने के लिए अभी और डेटा की जरूरत है क्योंकि हमारी मौजूदा इम्यूनिटी से जुड़ा पर्याप्ट डेटा हमारे पास नहीं है। मुझे लगता है कि एक साल बाद बूस्टर डोज लेना लाभकारी होगा, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह बूस्टर नए वेरिएंट के खिलाफ उतना असरकारी होगा, जितना पिछली बार साबित हुआ था।
सवाल: क्या हमें किसी अपग्रेड वैक्सीन का इंतजार करना चाहिए?जवाब: अगर आपने बूस्टर डोज ले रखी है तो अभी दूसरी बोस्टर लेने की जरूरत नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव पर रिसर्च करने की जरूरत है ताकि यह तय किया जा सके कि क्या नए वेरिएंट को रोकने के लिए हमें नई वैक्सीन की जरूरत है या नही
सवाल: क्या नए वेरिएंट से लड़ने के लिए वैक्सीन+ नैचुरल इम्यूनिटी पर्याप्त है?
जवाब: भारत में बहुत बड़ी आबादी को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. इसी के साथ ही उन्होंने नैचुरल इम्यूनिटी भी बना ली है. मुझे लगता है कि वैक्सीन+ नैचुरल इम्यूनिटी आपको लंबे समय तक रहने वाली इम्यूनिटी देता है. मुझे लगता है कि भारत इस मामले में चीन जैसे देश से बेहतर स्थिति में हैं।
 सवाल:क्या चीन में जो हालात हैं, वह वहीं तक सीमित हैं? भारत में हम सुरक्षित हैं?

जवाब: मुझे लगता है कि तीन वजहों से यह समस्या चीन स्पेसिफिक है. पहला- चीन में जीरो कोविड पॉलिसी लागू की गई, जो शुरुआत में ठीक थी लेकिन इससे चीन की ज्यादातर आबादी वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी नहीं बना पाई. दूसरा- चीन में बड़ी आबादी को वैक्सीन नहीं लग पाई. आंकड़े बताते हैं कि चीन में बुजुर्गों को भी वैक्सीन नहीं लग पाई. तीसरा- चीन ने लोकल स्तर पर कोरोना की वैक्सीन बनाई, जिसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर कोई मान्यता नहीं मिली. हमें यह भी पता कि उनकी वैक्सीन कोरोना पर कितनी असरकारी रही।
सवाल:क्या मिक्स्ड वैक्सीन की अनुमति दी जानी चाहिए?जवाब: आंकड़े कहते हैं कि दो अलग-अलग तरह की वैक्सीन की मिक्स्ड डोज लेने पर इम्यून रेस्पॉन्स अच्छा रहता है और कोरोना से सुरक्षा मिलती है. अब देश-दुनिया में कोरोना की कई वैक्सीन उपलब्ध हैं, इसलिए मुझे लगता है कि मिक्स्ड वैक्सीन की डोज अब दी जा सकती है। 
सवाल: क्या नेजल वैक्सीन एक बेहतर विकल्प हैं? 
जवाब: बिल्कुल, नेजल वैक्सीन के कई फायदे हैं। पहला यह कि इस वैक्सीन को एक बड़ी आबादी तक पहुंचाया जा सकता है. इसके अलावा यह आपको मिक्योजल इम्यूनिटी (mucosal immunity) प्रदान करती है. यह ज्यादा असरकारी और सुरक्षित भी है। 
सवाल: क्या वैक्सीन की एक और डोज लॉन्ग कोविड से बचाती है?
जवाब: आंकड़े बताते हैं कि जिन्होंने बूस्टर सॉट लिया था, उन्हें लॉन्ग कोविड से सुरक्षा मिली है। सवाल: क्या विदेश यात्रा पर रोक लगाने की जरूरत है?
जवाब: मुझे नहीं लगता कि विदेश यात्रा को बैन करने से कोई फायदा होगा क्योंकि बीएफ.7 वेरिएंट पहले से ही देश में मौजूद है और ऐसा भी नहीं है कि कोई और नया वेरिएंट देश में आ सकता है इसलिए मैं यह कहना चाहूंगा कि यात्रा के दौरान लोग सतर्कता बरतें और कोविड नियमों का पालन करें। 
सवाल:क्या क्रिसमस पार्टी, देश में ट्रेवल करना खतरनाक हो सकता है?
जवाब: अगर आप इंडोर पार्टी में जा रहे हैं तो मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं। अगर आप किसी आउट डोर पार्टी में जा रहे हैं, तो वह ज्यादा सुरक्षित है. अगर आप ट्रेवल करते समय मास्क पहनें, हाथ धोते रहें, कोविड नियमों का पालन करें. हमें डरने की जरूरत नहीं है. देश में चिंताजनक हालात नहीं हैं इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि किसी को भी अपनी हॉलीडे पार्टी रद्द करनी चाहिए। 
सवाल:क्या आरटी पीसीआर टेस्ट नए वेरिएंट की पहचान कर सकता है?
जवाब: आरटी पीसीआर से आपको यह पता चलता है कि कोरोना है या नहीं। अब सभी पॉजिटिव केस जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जा रहे हैं, जिससे कोरोना के वेरिएंट के बारे में जानकारी मिलती है। सवाल:क्या हार्ट अटैक से होने वाली मौतें लॉन्ग कोविड का असर है?जवाब: बिल्कुल, ऐसी कई रिपोर्ट्स हैं, जिनसे यह पता चला है कि जिन्हें कोविड हुआ था, उनकी अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई. हो सकता है कि ये मौतें कोरोना संक्रमित होने की वजह से हुई हैं लेकिन इस पर कुछ भी पुख्ता कहने के लिए हमें अभी और डेटा की जरूरत है।सवाल: बीएफ-7 वेरिएंट ओमिक्रॉन से कितना अलग है?
 जवाब: आंकड़े बताते हैं कि ऐसे वेरिएंट ज्यादातर लोगों को संक्रमित करते हैं। हमने देखा कि ओमिक्रॉन ने औसतन 5 लोगों को संक्रमित किया। वहीं नया वेरिएंट 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर रहा है। यानी यह वेरिएंट ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है, लेकिन इससे लोग जल्दी रिकवर भी कर रहे हैं। मुझे लगता है कि कोरोना को लेकर भारत में वर्स्ट टाइम खत्म हो चुका है। हम अच्छी इम्यूनिटी डिवेलप कर चुकी है। वैक्सिनेशन और नेचुरल इम्यूनिटी के कारण हम इस समय अच्छी स्थिति में हैं। रिपोर्ट अशोक झा

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