केमिकल रंगों से होली पर रखें अपनी त्वचा का ख्याल
अशोक झा,सिलिगुड़ी: गर्मियों के सबसे पसंदीदा त्योहार होली का आगाज शुरू हो गया है। होली त्योहार की औपचारिक शुरुआत बरसाना से हो चुकी है। होली का त्योहार भारतीयों के दिलों में खास जगह रखता है। इस पावन त्योहार को सदियों से हम एक दूजे के साथ रंग खेलकर मनाते आए हैं। पुराने समय में होली खेलने में आर्गेनिक रंगों का प्रयोग किया जाता था जिससे बालों और त्वचा में निखार आ जाता था तथा प्राकृतिक रंगो से सेहत पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता था लेकिन पिछले कुछ सालों से जहां यह त्योहार वैश्विक स्तर पर मनाया जाने लगा है वहीं दूसरी ओर आर्गेनिक रंगों की जगह केमिकल रंगों ने ले ली है जिनके उपयोग से बालों, त्वचा और सेहत चौपट हो जाती है। “बुरा न मानो होली है ” कहकर युवाओं की टोलियां पिचकारी ,गुव्वारों ,डाई और गुलाल बाजार में बिकने वाले जिन रंगों का प्रयोग करते हैं उनमें माइका,लेड जैसे हानिकारक रसायनिक मिले होते हैं जिससे बाल तथा त्वचा रूखी एवं बेजान हो जाती है, बल झड़ना शुरू हो जाते हैं तथा त्वचा में जलन एवं खारिश शुरू हो जाती है। हालांकि कुछ लोग होली के रंगों से बचने के लिए अपने आपको घरों तक ही सीमित रखते हैं शहर के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण भोपालका यह मानना है की रंगो से बचने की बजाय आप कुछ सावधानियां बरतकर इस त्योहार का भरपूर मजा ले सकते हैं।बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त रंग सीधा आपके चेहरे पर असर डालते हैं। इसी के चलते होली खेलने के लिए अभी से आपको अपनी त्वचा को तैयार कर लेना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से आप अपनी स्किन को इस तरह से तैयार कर सकते हैं। अगर आप इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो होली खेलने के बाद आपको रंग छुड़ाने के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
पहले से करें स्किन को मॉइश्चराइज
अगर आप होली खेलने का प्लान कर रहे हैं तो अभी से ही अपनी स्किन को मॉइश्चराइज करना शुरू कर दीजिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो होली के रंग आपकी स्किन को नुक्सान नहीं पहुंचा पाएंगे।
जरूर लगाएं सनस्क्रीन
अब धूप भी पड़ने लगी है। ऐसे में अगर आप होली खेलने का सोच रहे हैं तो अभी से स्किन पर सनस्क्रीन लगाएं। नाजुक त्वचा पर सनस्क्रीन लगाने से स्किन पर एक लेयर बन जाएगी, जिससे रंगों का असर स्किन पर नहीं पड़ेगा।
छह माह से कम आयु के बच्चों को केमिकल युक्त रंगों से जरूर बचाएं क्योंकि उनकी त्वचा काफी नाज़ुक होती है और उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी काफी कमज़ोर होती है जिसके चलते केमिकल युक्त रंग उन्हें ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं । लेकिन अपने बेबी को होली के त्योहार के प्रीतात्मक रूप में लाल चन्दन का टीका लगाना मत भूलिए क्योंकि यह उसकी पहली होली है। अक्सर होली खेलती बार हम अपनी आँखों की सुरक्षा की परवाह कम ही करते हैं जोकि कई बार घातक साबित हो जाती है ।अगर आप किसी सांस सम्बन्धी परेशानी से जूझ रहे हैं तो भीड़ से दूर रहें और अपने निकट संबंधियों या परिवार के सदस्यों के साथ ही होली मनाएं। होली का त्योहार ज्यादातर खुले आसमान में खेला जाता है जिससे सूर्य की गर्मी से भी त्वचा पर विपरित प्रभाव पड़ता है। खुले आसमान में हानिकारक यू.वी किरणों के साथ-साथ नमी की कमी की वजह से त्वचा के रंग में कालापन आ जाता है। होली खेलने के बाद त्वचा निर्जीव बन जाती है।
होली खेलने से पहले लगाएं सनस्क्रीन
होली के पावन त्योहार में अपनी त्वचा की रक्षा के लिए होली खेलने से 20 मिनट पहले त्वचा पर 20 एस.पी.एफ. सनस्क्रीन का लेप कीजिए। यदि आपकी त्वचा पर फोडे़, फुन्सियां आदि है तो 20 एस.पी.एफ. से ज्यादा दर्ज की सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। ज्यादातर सनस्क्रीन में माइश्चराइज ही विद्यमान होता है। यदि आपकी त्वचा अत्याधिक शुष्क हैं तो पहले सनस्क्रीन लगाने के बाद कुछ समय इंतजार करने के बाद ही त्वचा पर माइश्चराइजर का लेप करें।
आंखें और त्वचा का रखें ध्यान
होली खेलती बार कॉन्टैक्ट लेंस उपयोग में मत लाइए क्योंकि कॉन्टैक्ट लेंस के माध्यम से रंग आपकी आंखों में जा सकते हैं और आप रंगों के संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। कॉन्टैक्ट लेंस की बजाय आप सनग्लास गॉगल्स का इस्तेमाल कीजिये जिससे रंग आपकी आंखों में न जा सके, होली खेलती बार अपनी आँखों को बार-बार रब न करें इससे आप संक्रमण का शिकार हो सकते हैं और कोई छोटा मोटा संक्रमण होगा तो यह बढ़ सकता है। होली खेलने जाती बार पूरी बाजू के कपड़े पहनिए जिससे आपकी त्वचा रंगों के सीधे सम्पर्क में न आए होली खेलने से जाने से पहले त्वचा के खुले अंगों को मॉइश्चराइज जरूर करें क्योंकि इससे रंग आपकी त्वचा के छिद्रों के माध्यम से अन्दर तक नहीं जा सकेंगे और आपको रंगों को छुड़ाने में भी आसानी होगी ।तिल के तेल की मालिश से सूर्य की किरणों से हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिलती है। नहाते समय शरीर को लूफ या वाश कपड़े की मदद से स्क्रब कीजिए तथा नहाने के तत्काल बाद शरीर तथा चेहरे पर माइश्चराइजर का उपयोग कीजिए। इससे शरीर में नमी बनाए रखने में मदद मिलेगी।यदि त्वचा में खुजली है तो पानी के मग में दो चम्मच सिरका मिलाकर उसे त्वचा पर उपयोग करें तथा इससे खुजली खत्म हो जाएगी। इसके बाद भी त्वचा में खुजली जारी रहती है तथा त्वचा पर लाल चकत्ते तथा दाने उभर आते है तो आपकी त्वचा को रंगों से एलर्जी हो गई तथा इसके लिए आपको डॉक्टर से आवश्यक सलाह मशवरा जरूर कर लेना चाहिए।
बालों को करें अच्छे से साफ
बालों को साफ करने के लिए बालों में फंसे सुखे रंगों तथा माईका को हटाने के लिए बालों को बार-बार सादे ताजे पानी से धोते रहिए। इसके बाद बालों को हल्के हर्बल शैम्पू से धोएं तथा उंगलियों की मदद से शैम्पू को पूरे सिर पर फैला लें तथा इसे पूरी तरह लगाने के बाद पानी से अच्छी तरह धो डालिए।
होली खेलने के बाद ऐसे करें त्वचा की केयर
बालों की अंतिम धुलाई के लिए बीयर को अन्तिम हथियार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। बीयर में नीबूं का जूस मिलाकर शैम्पू के बाद सिर पर उडेल लें। इसे कुछ मिनट बालों पर लगा रहने के बाद साफ पानी से धो डालें। होली के अगले दिन दो चम्मच शहद को आधा कप दही में मिलाकर थोड़ी सी हल्दी में मिलाएं तथा इस मिश्रण को चेहरे, बाजू तथा सभी खुले अंगों पर लगा लें। इसे 20 मिनट लगा रहने दें तथा बाद में साफ ताजे पानी से धो डालें। इससे त्वचा से कालापन हट जाएगा तथा त्वचा मुलायम हो जाएगी। होली के अगले दिनों के दौरान अपनी त्वचा तथा बालों को पोषाहार तत्वों की पूर्ति करें। एक चम्मच शुद्ध नारियल तेल में एक चम्मच अरण्डी का तेल मिलाकर इसे गर्म करके अपने बालों पर लगा लीजिए। एक तौलिए को गर्म पानी में भीगो कर पानी को निचोड़ दीजिए तथा तौलिए को सिर पर लपेट लीजिए तथा इसे 5 मिनट तक पगड़ी की तरह सिर पर बंधा रहने दीजिए। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराएं इसे खोपड़ी पर तेल को जमने में मदद मिलती है। एक घण्टा बाद बालों को साफ ताजे पानी से धो डालिए। रिपोर्ट अशोक झा