#एक बार फिर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार की तकरार और खींचतान!!
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल की सियासत एक बार फिर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार की तकरार की गवाह बन सकती है। कहा जा रहा है कि इसकी वजह नए राज्यपाल सीवी आनंद बोस का एक फैसला हो सकता है। खास बात है कि हाल ही में प्रदेश के बजट सत्र के दौरान बोस अपने भाषण के चलते विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आ गए थे। इससे पहले पूर्व राज्यपाल और मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के बीच खींचतान की खबरें आती रही थीं।
बीते सप्ताह राज्यपाल बोस ने अपनी प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती को सेवा से मुक्त कर दिया था। कहा गया कि नई टीम के गठन के बाद यह कदम उठाया गया था। एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया था, ‘हां, नंदिनी चक्रवर्ती को सेवामुक्त कर दिया गया है। (यह) फैसला रविवार को किया गया।’ अधिकारी ने कहा, ”राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में बोस राजभवन को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं। उनके कार्यालय का कामकाज देखने के लिए एक नयी टीम गठित की जा रही है। टीम जल्द काम करना शुरू कर देगी।’
TMC हुई नाराज!
माना जा रहा है कि अब तक ठीक चले राज्यपाल और प्रदेश सरकार के रिश्तों में इस फैसले से खटास आ गई है। इस फैसले पर तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था, ‘जब तक राज्यपाल कानूनी प्रावधानों के हिसाब से काम करते हैं और शिष्टाचार बनाए रखते हैं, तो हमारी ओर से भी शिष्टाचार बना रहेगा। लेकिन अगर राज्यपाल राज्य सरकार के खिलाफ अपनी सीमाओं से पार जाकर काम करते हैं, तो हमारी प्रतिक्रिया भी बदलेगी।’
क्या भाषण है वजह?
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि बोस ‘इस महीने सेंट जेवियर कॉलेज के दीक्षांत समारोह में दिए गए अपने भाषण के चलते चक्रवर्ती से नाराज थे।’ कहा जा रहा है कि चक्रवर्ती की तरफ से लिखे गए भाषण में बनर्जी की जमकर तारीफ की गई थी।
खास बात है कि भाषण पर ही भाजपा की तरफ से सवाल उठाए गए थे। भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘राज्यपाल के भाषण का ड्राफ्ट कैबिनेट ने तैयार किया था। इससे पहले कई राज्यपालों ने राज्य सरकार को भाषण में कुछ लाइनें बदलने के लिए कहा। ऐसा गोपालकृष्ण गांधी, केसरीनाथ त्रिपाठी और जगदीप धनखड़ के समय हुआ है। हमने उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया। हम निराश हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री की तरफ से तैयार ड्राफ्ट को पढ़ा।’
अधिकारी ने आगे कहा, ‘राज्य में कानून-व्यवस्था बेहद खराब हो रही है और राज्यपाल को अच्छी तस्वीर दिखाने के लिए कहा जा रहा है। सरकार राज्यपाल के जरिए विधानसभा में ऐसे झूठे बयान दिला सकती है?’
कौन हैं नंदिनी चक्रवर्ती
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र नंदिनी चक्रवर्ती 1994 बैच की IAS अधिकारी हैं। साल 2011 में जब ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनीं, तब उस दौरान चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (WBIDC) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थीं। उन्हें राज्य के सबसे ताकतवर नौकरशाहों में से एक माना जाता था। ला गणेशन के राज्यपाल बनने के बाद उन्हें राज्यपाल का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। रिपोर्ट अशोक झा